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क्या है मूली में तीखापन का कारण आज हम इसी के बारे में बात करेंगे। मूली एक बहुत ही पसंद की जाने वाली सब्जी है जिसका खासकर सर्दियों में सलाद व सब्जी के रुप में सेवन किया जाता है।

मूली में क्यों होता है तीखापन इसके कई कारण हैं। मूली में तीखेपन के इन्हीं कारणों के बारे में आज हम इस लेख में विस्तार से जानेंगे।

हांलाकि मैं कोई वनस्पतिशास्त्री नहीं हूं। लेकिन एक फूड़ ब्लॉगर होने के नाते मैंने इंटरनेट की सहायता से मूली में क्यों पाया जाता है तीखापन इस पर गहन अध्यनन किया है। इस लेख में दी गई सभी जानकारी इंटरनेट पर पूरी तरह से जांचने के बाद ही आप सभी के साथ शेयर की जा रही है।

मूली में तीखापन का कारण

क्या बताते हैं वनस्पतिशास्त्री मूली में तीखापन का कारण – आइये जानते हैं

Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University में कार्यरत दो फैक्लटी डॉ के गुप्ता और वि. जैन जी ने एक पुस्तक Encyclopedia of Food Sciences and Nutrition (Second Edition, 2003) में एक चैप्टर  SALAD CROPS | Root, Bulb, and Tuber Crops में यह उल्लेख किया है कि मूली में तीखेपन का कारण alkaloid isothiocyanate (trans-4-methyl thiobutenyl isothiocyanate: MTB-ITC) होता है।

वो सभी कारण जिनकी वजह से मूली में तीखापन पाया जाता है, निम्नलिखित हैं।

क्या Allyl Isothiocyanate Alkaloid के पाये जाने के कारण होता है मूली में तीखापन?
क्या मूली में तीखापन पाये जाने का एक कारण खेत में लंबें समय तक उगे रहना भी है?
क्या तापमान की अधिकता से भी हो जाती हैं मूली तीखी?
क्या सही मात्रा में पानी नहीं मिल पाना भी है मूली में तीखेपन का एक वजह?

मूली में तीखापन क्यों पाया जाता है, आइये अब विस्तार से जानते हैंं।

1. क्या Allyl Isothiocyanate Alkaloid के पाये जाने के कारण होता है मूली में तीखापन?

जब हम यह सवाल लेकर किसी के भी पास जाते हैं फिर चाहे वो एक वनस्तपतिशास्त्री हों या फिर इंटरनेट, कि मूली में तीखापन पाये जाने की क्या है वजह तो जो सबसे पहले जवाब हमें उस तरफ से मिलता है वो होता है Allyl Isothiocyanate Alkaloid.

डॉ अमित वैश, जो कि हिन्दू कॉलेज, मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में बोटिनी विभाग में सहायक प्रोफैसर के पद पर कार्यरत हैं, ने मूली में तीखापन क्यों पाया जाता है को बहुत ही अच्छी तरह से समझाया है।

डॉ अमित वैश जी ने यूट्यूब पर अपना एक चैनल बनाया हुआ है जहां वो विद्यार्थियों के बोटिनी से संबधित प्रश्नों के जवाब देते हैं। प्रश्नों के जवाब देने के इसी क्रम में डॉ अमित वैश जी ने मूली में तीखापन लाने के लिए Allyl Isothiocyanate Alkaloid कैसे काम करता है यह बहुत अच्छे से समझाया है। 

डॉ अमित वैश जी के अनुसार, मूली में Glucosinolates और Myrosinase enzymes पाया जाता है। जब हम मूली को चबाकर खाते हैं तो Glucosinolates और Myrosinase enzymes के मिलने से मूली में Isothiocyanate बनता है जिसकी वजह से मूली हमें खाने में तीखी लगती है।

अतः मूली में तीखेपन की एक वजह, मूली में Allyl isothiocynates Alkaloid का पाया जाना है। 

2. क्या मूली में तीखापन पाये जाने का एक कारण खेत में लंबें समय तक उगे रहना भी है?

मूली में तीखापन पाये जाने के पीछे जो दूसरा एहम कारण है वो है मूली का खेत में लंबे समय तक उगे रहना। मूली की फसल प्रायः 45 दिनों में उगकर तैयार हो जाती है जो कि अधिकतम 3 महीनों तक चलती है।

अगर मूली को इस समयावधि से ज्यादा दिनों के लिए उगे हुए छोड़ दें तो मूली स्वाद में तीखी हो जाती हैं।

3. क्या तापमान की अधिकता से भी हो जाती हैं मूली तीखी?

मूली क्यों तीखी होती हैं इसके पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण है। जिस तरह से खीरे में कड़वापन पाये जाने के पीछे एक कारण सही तापमान का नहीं होना भी है, उसी तरह तापमान की मात्रा मूली में तीखेपन के लिए भी जिम्मेदार होती है। 

मूली एक ऐसी सब्जी है जिसे उगने व अपने प्राकृतिक स्वभाव को प्राप्त करने के लिए ठड़े मौसम की आवश्यकता होती है। यूं तो आजकल मूली हर मौसम में उपलब्ध हो जाती है जिसे विभिन्न तरीकों से तापमान प्रबंधन करके उगाया जाता है लेकिन खाने योग्य स्वादिष्ट और रस से परिपूर्ण मूली हमें सर्दियों के मौसम में ही देखने को मिलती हैं।

मूली में क्यों तीखापन पाया जाता है, इसकी वजह है तापमान की अधिकता। मूली के ठंड़ के मौसम में उगने के कारण जब कभी मूली को अधिक तापमान में उगाया जाता है तो वो ज्यादा तीखी हो जाती हैं (Point-III, Climate-Last Line)।

4. क्या सही मात्रा में पानी नहीं मिल पाना भी है मूली में तीखेपन का एक वजह?

पर्याप्त मात्रा में सिंचाई न मिल पाना भी मूली में तीखेपन का कारण है। मूली की फसल में कब और कितना पानी देना है यह उस मौसम के तापमान पर निर्भर करता है जिसमें फसल उगाई जा रही है। 

सामान्यतः मूली की फसल को 5 से 6 बार सिंचाई की आवश्यकता होती है। यह सिंचाई कितनी और किस समय अंतराल में करनी है यह मौसम पर आधारित होता है।

अमूमनः गर्मियों के मौसम में मूली की फसल में 6-7 दिनों के बाद सिंचाई कर देनी चाहिए जबकि सर्दियों में यह अंतराल 10-12 दिनों का हो सकता है।

अगर मूली की फसल को सही समय पर उचित सिंचाई नहीं मिल पाती तो मिट्टी के अंदर नमी कम हो जाती है और तापमान की मात्रा बढ़ने लगती है जो कि मूली में तीखापन पैदा करने के लिए पर्याप्त होती है।

“अपनी खेती” जोकि किसानों को समर्पित एक पार्टल है ने भी इस बात की पुष्टि की है कि अगर मूली की फसल को उचित पानी नहीं मिलता है तो मूली में तीखापन आ जाता है।

क्या कारण है मूली में तीखापन होने के यह जानने के बाद आइये मूली के बारे में कुछ और जरूरी बातें जान लेते हैं।

कौन सी प्रजाति का पौधा है मूली?

जिस तरह से खीरा, लौकी, कद्दू, करेला, तौरई, इन सभी की एक प्रजाति होती है उसी तरह से मूली भी एक खास तरह के पौधे की प्रजाति से संबध रखती है।

मूली, पौधों की प्रजाति Brassicaceae का पौधा है। Brassicaceae को शास्त्रीय रूप में Cruciferae भी कहते हैं। मूली के अलावा Brassicaceae प्रजाति के अंतर्गत शलजम, सरसों, गोभी आदि पौधे भी आते हैं।

क्यों होता है मूली में तीखापन आज हमने यह विस्तार से जाना। मुझे उम्मीद है कि इस लेख को पढ़ने के बाद अब आप यह बहुत अच्छे से जान गये होंगे कि मूली में तीखापन क्यों होता है।

अगर मूली में तीखापन के कारण को लेकर आपके पास कोई सुझाव या विचार हों तो कमेंट बॉक्स में हमारे साथ जरूर साझा करें। हमें आपके विचारों का इंतजार रहेगा।